Thursday, January 30, 2020

How to install Windows 8

Windows 8 install guied step by step

windows xp और windows 7 operating systems  के बाद Windows 8 भी market में available हैं, Microsoft ने Windows 8 को बाजार में उतार कर Touch Screen Windows की नई शुरुआत की थी, अब Microsoft market में  Windows 8 का नये वर्जन Windows 8.1 को Launch कर दिया है -


आपको windows 8 install करने के लिये Windows 8 की bootable disk की Requirement पड़ेगी, अगर वह आपके पास है तो ही आप windows 8 अपने Computer में install कर पायेगें। microsoft windows 8 को आप $119.99 यानी लगभग 7200 रूपये में आप microsoft की site से खरीद सकते हैं

step-1 windows 8 install करने के लिये सबसे पहले Computer को CD/DVD से Boot कराने के लिये Set कीजिये। इसके लिये Computer को Restart/on कीजिये तथा keyboard से F2 दबाईये और set the order में 1st Boot Device के तौर पर अपने CD/DVD Device को Set कीजिये। अब F10 दबाकर Computer को Restart कीजिये।


step-2 Restart के समय windows 8 की bootable disk को अपने DVD Rom में डालिये।

step-3 press any key boot from cd or DVD लिखा आने पर keyboard से कोई भी Button दबा दीजिये।

Step-4 windows is loding files लिखा आयेगा, यहॉ DVD से  जरूरी setup file copy होती हैं। इसमें कुछ मिनट लगते हैं।

Step-5 कुछ देर बाद Select your language, time & currency format, keyboard or input method पूछा जाता है, यह Select कर Next पर क्लिक कीजिये।

Step-6 अब आपको Windows 8 install now window दिखाई देगी यहाॅ install now पर Click कीजिये।

Step-7 इसके बाद windows 8 license terms आयेगें, यहॉ  I accept the license terms पर टिक कीजिये और Next कीजिये।

Step-8 इस अगली windows में Upgrade और Custom (advanced) का Option आयेगा। अगर आपके computer में windows 7 पहले से install है और आप उसे windows 8 में Upgrade करना चाहते हैं तो Upgrade पर click कीजिये और अगर आप बिलकुल new windows 8 install करना चाहते हैं तो Custom (advanced) पर click कीजिये इससे आपकी पुरानी windows 7 की आपके computer में सुरक्षित रहेगी।

Step-9 Custom (advanced) पर click ही आपसे आपकी Hard disk का partition पूछा जायेगा जिसमें आप windows 8 install करना चाहते हैं। अगर आप partition को format करना चाहते हैं ताे disk Option पर Click कीजिये। अगर नहीं तो partition को सलेक्‍ट कर Next पर click कीजिये।

Step-10 अब थोडी देर के लिये Computer को ऐसे ही छोड दीजिये जब तक Restart नहीं हो जाता। यहॉ Windows 8 की installation Start हो जायेगी। यह 5 Step में Complete होगी। इसमें 5-10 मिनट का समय लग सकता है।

Step-11 Computer के Restart होने के बाद कुछ और Process होंगी इसमें भी आपको कुछ नहीं करना हैं, यह windows द्वारा स्‍वंय पूरी की जायेगी।

Step-12 कुछ देर बाद windows 8 personalization setup आयेगा, यहाॅ आपको अपनी पसंद की Color Theme चुनना है और next करना हैा

Step-13 - कुछ देर बाद windows 8 का Super Smart  desktop आ जायेगा। Have fun .

कंप्यूटर का निर्माण | कंप्यूटर पीढ़ी | विभिन्न प्रकार की कंप्यूटर पीढ़ी

पहली पीढ़ी

पहली पीढ़ी की अवधि 1940-1956 थी

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम टूयूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई | ये टूयूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.

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इस पीढ़ी में मुख्य रूप से बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया. इस पीढ़ी में छिद्रित कार्ड, कागज टेप, चुंबकीय टेप इनपुट और आउटपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया गया.
मशीन कोड और बिजली का इस्तेमाल किया वायर्ड बोर्ड भाषाओं थे.


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पहली पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

वैक्यूम ट्यूब तकनीक
मशीन भाषा
बहुत महंगा
विशाल आकार
एसी की आवश्यकता
बिजली की खपत बहुत कुछ

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

ENIAC
एडवैक
यूनिवेक
आईबीएम-701
आईबीएम-650

दूसरी पीढ़ी

दूसरी पीढ़ी की अवधि 1956-1963 थी

दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ | इस दौरान के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था, जो वाल्व्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे | जिन्हें कंप्यूटर निर्माण हेतु वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर उपयोग किया जाने लगा | ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है | जिससे कंप्यूटर छोटे तथा उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज | पहली पीढ़ी की तुलना में इनका आकार छोटा और कम गर्मी उत्पन्न करने वाले तथा अधिक कार्यक्षमता व तेज गति के गणना करने में सक्षम थे |
फोरट्रान की तरह इस पीढ़ी में, उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा कोबोल का इस्तेमाल किया गया.

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दूसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l ट्रांजिस्टर का उपयोग
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटे आकार
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम गर्मी पैदा
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम बिजली की खपत
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से भी तेज
l बहुत महंगा
l Assmebly भाषा

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

आईबीएम 1620
आईबीएम 7094
सीडीसी 1604
सीडीसी 3600
यूनिवेक 1108

तीसरी पीढ़ी

तीसरी पीढ़ी की अवधि 1964-1971 थी

इस अवधि के कंप्यूटरो का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा ! जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका ! इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.
उच्च स्तर की भाषा (चतुर्थ, कोबोल, पास्कल पी एल / 1, बुनियादी, ALGOL-68 आदि के लिए फोरट्रान द्वितीय) इस पीढ़ी के दौरान इस्तेमाल किया गया.

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तीसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l आईसी इस्तेमाल किया
l अधिक विश्वसनीय
l छोटे आकार
l कम गर्मी पैदा
l तेज़
l कम रखरखाव
l फिर भी महंगा
l एसी की जरूरत
l बिजली खपत कम
l उच्च स्तर की भाषा का समर्थन

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

आईबीएम-360 श्रृंखला
हनीवेल-6000 श्रृंखला
पीडीपी (पर्सनल डाटा प्रोसेसर)
IBM-370/168
टीडीसी-316

चौथी पीढ़ी

चौथी पीढ़ी की अवधि 1971-1985 थी

चोथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया ! वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एकल चिप हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे| चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में एक एकल चिप पर लगभग 5000 ट्रांजिस्टर और अन्य सर्किट एलिमेंट्स तथा बड़े पैमाने पर उनसे सम्बंधित एकीकृत VLSI सर्किट का उपयोग किया गया । चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली, कॉम्पैक्ट, विश्वसनीय तथा सस्ते थे । इसके परिणाम स्वरुप पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) क्रांति का जन्म हुआ।
इस पीढ़ी में रियल टाइम नेटवर्क डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था ।
सभी उच्च स्तरीय भाषाओँ जैसे की आदि का प्रयोग इस पीढ़ी में हुआ ।

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चौथी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l वीएलएसआई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
l बहुत सस्ते
l पोर्टेबल और विश्वसनीय
l पीसी का उपयोग
l बहुत छोटे आकार
l पाइपलाइन प्रसंस्करण
l इंटरनेट की अवधारणा को पेश किया गया
l नेटवर्क के क्षेत्र में बहुत अधिक विकास
l कंप्यूटर आसानी से उपलब्ध हो गया

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

स्टार 1000
पीडीपी 11
क्रे -1 (सुपर कम्प्यूटर)
क्रे एक्स (सुपर कम्प्यूटर)

पांचवीं पीढ़ी

विकास की इस पांचवी अवस्था में कंप्यूटरों में कृत्रीम बुद्धि का निवेश किया गया है ! इस तरह के कंप्यूटर अभी पूरी तरह से विकशित नहीं हुए है ! इस तरह के कंप्यूटरों को हम रोबोट और विविध प्रकार के ध्वनि कार्यकर्मो में देख सकते है ! ये मानव से भी ज्यादा सक्षम होगा.

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पांचवी पीढ़ी में शामिल हैं:

रोबोटिक्स
तंत्रिका नेटवर्क
वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ प्रणालियों का विकास.
प्राकृतिक भाषा समझ और पीढ़ी.

पांचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l ULSI प्रौद्योगिकी
l कृत्रिम बुद्धि का विकास
l प्राकृतिक भाषा संसाधन का विकास
l समांतर प्रोसेसिंग में उन्नति
l Superconductor के प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति
l मल्टीमीडिया सुविधाओं के साथ और अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस
l सस्ती दरों पर बहुत शक्तिशाली और कॉम्पैक्ट कंप्यूटर की उपलब्धता

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर प्रकार हैं:

डेस्कटॉप
लैपटॉप
नोटबुक
UltraBook
Chromebook
कंप्यूटर शब्दावली में जनरेशन एक कंप्यूटर / इस्तेमाल किया जा रहा है प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक परिवर्तन है. प्रारंभ में, पीढ़ी अवधि अलग हार्डवेयर प्रौद्योगिकी के बीच भेद करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. लेकिन आजकल, पीढ़ी एक साथ एक पूरे कंप्यूटर प्रणाली को बनाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दोनों शामिल हैं.


कंप्यूटर के मुख्य पाँच पीढ़िया

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S.No.उत्पादन एवं विवरण
1पहली पीढ़ी
 पहली पीढ़ी की अवधि: 1940-1956. वैक्यूम ट्यूब आधारित 
2दूसरी पीढ़ी
 दूसरी पीढ़ी की अवधि: 1956-1963. ट्रांजिस्टर आधारित.
3तीसरी पीढ़ी
 तीसरी पीढ़ी की अवधि: 1964-1971. इंटीग्रेटेड सर्किट आधारित.
4चौथी पीढ़ी
 चौथी पीढ़ी की अवधि: 1971-1985. वीएलएसआई माइक्रोप्रोसेसर आधारित 
5पांचवीं पीढ़ी
 पांचवीं पीढ़ी की अवधि: 1980-onwards.ULSI माइक्रोप्रोसेसर आधारित


What is rom

कंप्यूटर - रोम (Rom)


कंप्यूटर से जुड़े हुए हिस्सों में से कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा होती है. ROM कंप्यूटर सिस्टम की एक प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस है. ROM एक चिप के आकर की होती है और कंप्यूटर मदरबोर्ड से जुडी होती है. जैसाकि इसके नाम से ही पता चलता है कि ये सिर्फ कंप्यूटर डाटा को रीड (पढ़ने) करने के लिए है, आप इसमें न कुछ लिख सकते है और न ही कुछ डाल कर स्टोर कर सकते हो. ये कंप्यूटर को “boot up” और आपके जब आप अपने कंप्यूटर सिस्टम को दुबारा ऑन करते हो तो आपकी डाटा को नया जीवन (regenerate ) देती है. ROM और RAM में एक अहम अंतर होता है कि जब आप अपना कंप्यूटर बंद कर देते हो तो RAM अपना डाटा खो देता है लेकिन ROM कंप्यूटर बंद होने के बाद भी अपना डाटा नही खोती है. साथ ही ROM को अपना काम करने के लिए किसी लगातार पावर की जरूरत नही होती है, कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी ROM अपनी इनफार्मेशन को स्टोर कर सकती है.

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ROM के प्रकार :

ROM 4 प्रकार की होती है.
1. PROM (PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY)
2. EPROM (ERASABLE PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY)
3. EEROM (ELECTRIC ERASABLE PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY)
4. EAROM (ELECTRIC ATERABLE READ ONLY MEMORY)

What is ram

What is RAM


रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी है । इसका उपयोग सीपीयू द्वारा डाटा प्रोसेसिंग तथा गणना के दौरान किया जाता है । रैम का डिज़ाइन इस तरह से होता है की इसके अंदर प्रत्येक भंडारण स्थान तक पहुंचना बहुत ही आसान तथा सुगम होता है तथा सीपीयू उसे जल्दी से एक्सेस कर सकता है । रैम के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में समान समय लगता है। रैम का उपयोग बहुत महंगा है इसीलिए कंप्यूटर में रैम बहुत सीमित मात्रा में होती है । साधरणतः कंप्यूटर 512 MB, 1024MB (1 GB), 2 GB, 4 GB, 8 GB रैम की श्रृंखला में होते है । कंप्यूटर का रैम जितना अधिक होता है कंप्यूटर की संसाधन क्षमता उतनी ही अधिक होती है तथा कंप्यूटर फ़ास्ट काम करता है । बड़ी बड़ी गणनाओं के लिए जो कंप्यूटर उपयोग में होते है उनकी रैम टैराबाइट में होती है ।

रैम के दो प्रकार है

4. स्टेटिक रैम (Static RAM)

5. गतिशील रैम (Dynamic RAM)

What is memory

कंप्यूटर - स्मृति (Memory)


स्मृति अथवा मेमोरी का उपयोग सूचना, डाटा तथा इनफार्मेशन को भण्डारण करने में किया जाता है । कम्प्यूटर की स्मृति में सभी डाटा को स्टोर करके रखा जाता है तथा फिर प्रोसेसिंग करके उसे वापस से किसी भी समय तथा किसी भी रूप में प्राप्त किया जा सकता है । कंप्यूटर को अनेकों जटिल गणनाएं करनी पड़ती है और इन सभी गणनाओं को संसाधित करने के लिए कंप्यूटर की समृति में बहुत से सॉफ्टवेयर भंडारित किया जाते है ताकि उनका उपयोग कर कंप्यूटर सभी गणनाओं को पलक झपकते ही कर सके ।

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कंप्यूटर स्मृति अनेकों छोटे छोटे भागों में विभाजित होती है, प्रत्येक भाग को सेल कहते है। हर एक सेल का एक विशिष्ट पता होता है ।

मेमोरी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है -
1. कैश स्मृति
2. प्राथमिक अथवा मुख्य स्मृति
3. सेकेंडरी अथवा द्वितीयक स्मृति


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